श्रेष्ठ समाधान चमत्कारिक परिणाम
दीपावली पर करे धन समृद्धिदायक अचूक प्रयोग

आधुनिक जीवन में धन एवं समृद्धि के बिना किसी भी प्रकार का सुख प्राप्त करना दुष्कर ही नहीं असंभव है । धन समृद्धि ही सभी प्रकार के सुखों की आधारभुत शर्त हैं। दुसरी और आधुनिक प्रतिस्पर्धी युग में यह देखने को मिलता है कि व्यकित अत्याधिक परिश्रम करने के उपरान्त भी उतना नहीं प्राप्त कर पाता जितने के वह योग्य है , अर्थात उसकी आय उसकी योग्यता एवं परिश्रम की तुलना में बहुत कम होती है । यह सब ग्रहों के दुष्प्रभावों का परिणम है । ग्रह जनित दुष्परिणामों से मनुष्य के जीवन में अनेक प्रकार के अवरोध आते रहते है । जिनके कारण वह पर्याप्त उन्नति नहीं कर पाता है , और प्रारब्ध को आधार मान लेता है । परन्तु श्री कृष्ण ने भी कर्म को प्रधानता दी है । उददेश्य पूर्ति के लिए किये गए प्रयास कर्म स्वरूप ही है । धन समृद्धि एवं विशेष कामना पूर्ति के लिये हमारे ऋषि मुनियों , तपस्वीयों ने यंत्र मंत्र इत्यादि पर आधारित अनेक साधनाऐं बतार्इ है ।

भारतीय संस्कृति कर्म को एक अनुष्ठान के रूप में पूजती है । इसी को दृषिटगत कर हम एक विशिष्ट क्रम से शास्त्र निहित विशिष्ट मंत्र द्वारा अपने र्इष्ट या आराध्य का आव्हान करते है । देवता को जाग्रत करने के लिए विशिष्ठ यंत्र की आवश्यकता होती है । जिसे एक जड़ से चैतन्य कर , पूर्ण जाग्रत सिद्ध करता है । यह सिद्ध देवता के स्वरूप में परिणीत होकर यंत्र में प्रतिषिठत होती है ।

मंत्रों की शकित के द्वारा यंत्र के प्र्रयोग से मनुष्य को अपने ध्येय में शीघ्र सफलता प्राप्त होती है , एवं उसे धन समृद्धि एवं सभी प्रकार की आकाक्षांओं की पूर्ति एवं एैश्वर्य प्रदान करते हुए सर्व सुखों की प्राप्ती होती है ।

इन साधनाओं में सिद्ध कमलासन श्री यंत्र , सिद्ध कच्छप अष्टलक्ष्मी स्फटिक श्री यंत्र , अचुक विवाह यंत्र , वैभव कलष , अमृत वैभव कलष , विशिष्ठ कामना पूर्ति यंत्र , दक्षीणावर्ती शंख इत्यादि अपने लक्ष्य पूर्ति के लिए कोइ्र्र भी यंत्र स्थापित कर सकते है और भैतिक , आध्यातिमक , पारिवारिक , सामाजिक उन्नति करके एक व्यवसिथत जीवन जी सकते है ।

नवरात्री

प्राचीन काल से ही मनुष्य की प्रकति शकित साधना की रही है । शकित साधना का प्रथम रूप देवी दूर्गा ही मानी जाती है । सम्पूर्ण ब्रह्राांड में किसी न किसी रूप में देवी का पूजन शकित स्वरूप में किया जाता है । मात्र देवता के रूप में शकित प्रतिषिठत है । देवी दुर्गा हो चाहे काली हो व परमाध्या ब्रह्रामयी महाशकित है । जो विश्वचेतना के रूप में सर्वत्र व्याप्त है । हिन्दु समाज में शकित के उपासिनों की संख्या बहुत अधिक है ।

शारदीय नवरात्री पर्व अशिवन शुक्ल पक्ष प्रांतपदा से आरंभ होकर अशिवन शुक्ल नवमी तक मनाया जाता है ।

इस वर्ष 16 अक्टूबर 2012 से 23 अक्टूबर 2012 तक मनाया जाएगा । पंचमी और छठ एक ही दिन आ जाने के कारण इस बार नवरात्री पर्व अष्ट दिवस ही होगा । परन्तु दुर्गा सप्त सती का पाठ करने वाले अथवा अन्य साधना करने वाले साधक अपनी उपासना किसी भी दिन दन दिनों में 2 बार कर सकते है । जिससे उनकी संख्या 9 हो जाए

।। जयंति मंगला , काली भद्र काली कपालिनी । दुर्गा क्षमा शिवाधात्री , स्वाहा स्वधा नमोस्तुते ।।

यह पवित्र मंत्रोच्चार 9 दिन तक घर - घर गंूजता है , नवरात्री का 9 अंक अपने अप में ऐ महान रहस्य है । नवरात्री में उददेश्य पूरक साधना करने के लिए निम्न मंत्रों का चयन कर सकते है ।

कामना पूर्ति प्रयोग

इन प्रयोगों को नवरात्री काल में प्रारभं करें एवं जितने दिनों का प्रयोग है उतने दिन निरंतर करें । जहां तक संभव हो ज्यादा से ज्यादा जाप नवरात्री के शकितकाल में करें।

1. कर्इ परिवारों में छोटी छोटी बातों को लेकर गृहकलह होता है । आप अनेक साधन - सम्पन्न है, फिर भी अशान्त है । पति - पत्नी में कोर्इ भी एक यदि जाप कर लेता है तो किसी एक को सदबुद्धि आ जाएगी । गृह कलह एवं अशानित के वातावरण से मुकित मिल जाएगी ।
यंत्र< - काली यंत्र
अवधी - कम से कम 21 दिन
माला - रूद्राक्ष
जप समय - प्रात: काल
मंत्र - ध्रां ध्रीं ध्रूं ध्रूर्जटे ।
ब्रां ब्रीं ब्रूं बागधीष्वरी ।
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देबि ।
श्रां श्रीं श्रूं में शुभं कुरू ।।

प्रात: स्नान करके काली या मां दुर्गा चित्र पर लाल पुष्प चढ़ावें दीप या अगरबत्ती जला दें । रूद्राक्ष माला से 108 बार जाप करें । 21 दिनों में परिणाम मिल जायेगा । यह जाप नियमित रूप से भी किया जा सकता है । पािवार में सुख का वातावरण बना रहेगा ।

2. कर्इ बार अनायास परेशानी आ जाती है । ऐसी सिथति में निम्न मंत्र का जाप करें । यदि आप यात्रा कर रहें हैं , किसी अपराधी या अकारण पुलिस द्वारा परेशान किये जा रहे हैं , तो आप इस मंत्र का जाप करें । नियमित जाप करने से संकट मुकित मिल सकती है ।

यंत्र - बगलामुखी यंत्र
अवधी - जब आवश्यक हो या नियमित
माला - मूंगे की
जप समय - प्रात: या रात्री
मंत्र - ।। शरणागत दीनार्त परित्राण परायणें ।
सर्वस्यातिहरे देवि नारायणि नमो∙स्तुते ।।

जहां भी जैसी भी सिथति में हो , मंत्र का 108 बार जाप करें । संकट से मुकित मिल सकती हैं सामान्य सिथति में देवी दुर्गा या काली के चित्र पर लाल पुष्प चढ़ाये । दीप या अगरबत्ती जलाकर 108 बार नियमित रूप से जाप करें । आकसिमक परशानियों से मुकित मिलती रहेगी ।

3. यदि बहुत प्रयत्न करने पर भी विवाह नहीं हो रहा हो अथवा किसी विशेष लड़की या प्रेमिका से ही विवाह करना चाहते हो विवाह में बांधाऐं आ रही हो तो निम्न प्रयोग करें -
यंत्र - कात्यायनी यंत्र
समय - प्रात: काल
माला - वषीकरण माला
अवधी - जब तक कार्य न हो जाय (अधिक से अधिक 51 दिन)
मंत्र - लड़कों के लिए
।। पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम ।
तारणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोदभवाम ।।
लड़की के लिए -
।। पतिं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम ।
तारणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोदभवाम ।।

4. माता - पिता लड़की - लड़के के विवाह न होने के कारण परेशान हो जाते है । योग्य संतान होने पर भी विवाह में अड़चने आ जाती हैं । माता - पिता में से किसी एक को उपाय करना चाहिए । यदि विवाह को कर्इ वर्ष हो गये और संतान उत्पन्न करने की क्षमता भी है , फिर भी संतान नहीं हो रही है । वे व्यकित भी यह जाप कर सकते हैं ।
यंत्र - कात्यायनी यंत्र
जप समय - प्रात: काल
माला - रूद्राक्ष
अवधि - कम से कम 45 दिन
मंत्र -
।। सदवि नित्यं परितप्यमान व्यामेव सीतेत्यभिभाषमा : ।
दृढ़ब्रतौ राजसुतौं महात्मा , तवैव लाभाय कृतप्रयत्न: ।।

प्रात: स्नान करके 108 बार लगातार 45 दिन तक इस मंत्र का जाप करने से लाभ मिल सकता हैं । किसी देवी का चित्र लगा लें । चित्र पर पुष्प चढ़ाये तथा दीप व अगरबत्ती भी मंत्र जाप की अवधि में जलती रहनी चाहिए ।

5. आप यदि कोर्इ लेखक , कलाकार या अन्य कोर्इ कला साधक है तो निम्न प्रयोग से आप अपने क्षैत्र में प्रसिद्धी पायेगें -
यंत्र - सरस्वती यंत्र
अवधी - कम से कम 21 दिन
माला - रूद्राक्ष की
जप समय - प्रात:
मंत्र
।। घण्टा शूलहलानि शंखमुसले चक्रं धनुसायकं ।
हस्ताव्जैर्दधतीं धनान्तबिलस्च्छीतांषु तुल्य प्रभाम ।
गौरीदेहसमुद्र भवांत्रिजगतामाधारभूतां महा-
पूर्वा मत्र सरस्वतीमनुभजे षुम्भादिदैत्यार्दिनीम ।।

पूजन के कक्ष में सरस्वती के चित्र पर श्वेत पुष्प चढ़ाये तथा दीप जलाकर 108 बार मंत्र का जाप करें । ज्ञान का अपार भण्डार कुछ ही दिनों में मिल सकता है । आप सभी की मनोकामनाएं पूर्ण हो, यही शुभेच्छा ।