इसके पाँच मुखें को पंचानन (भगवान शिव का पंचानन रूप ) रूवरूप माना गया है । जिसमें इसे ''ऊँ नम: शिवाय '' का साक्षत स्वरूप बताया गया है । पंचमुखी रूद्राक्ष पंचब्रह्रा स्वरूप वाला होता है इसको धारण करने से शिवजी संतुष्ट होते है । पंच मुखी रूद्राक्ष स्वयं कालागिन रूद्र का प्रतीक माना जाता है । यह मंगल प्रदाता एवं आयुष्यवद्र्धक है । महामृत्युंजय इत्यादि अनुष्ठानों में इसका ही प्रयोग होता है ।
ऊँ ह्रीं नम: । ऊँ नम: शिवाय ।